वल्लभ संप्रदाय , vallabh sampraday वल्लभ संप्रदाय में भक्तिकाल से संबंधित वल्लभाचार्य को व भक्ति के विषय में उनके विचार को पढेंगे| यह पोस्ट प्रतियोगी
सगुण भक्ति का उद्भव और विकास, sagun bhkti ka udbhaw aur vikas सगुण भक्ति का उद्भव और विकास पोस्ट में यह पढेंगे की किस स्तर
मीराबाई का जीवन परिचय, mirabai ka jiwan parichay मीराबाई का जन्म 1504 ईसवी में राजस्थान के चेकड़ी नामक ग्राम में हुआ था । इनके पिता
⇒ रसखान का जन्म 1533 ई. में और मृत्यु 1618 ई. में हुआ था | ⇒ रसखान दिल्ली के निवासी थे और पठान बादशाही वंश के
⇒ नंददास का जन्म 1533 ई. में और मृत्यु 1583 ई. में हुआ था। ⇒ नंददास के गुरु का नाम विठ्ठलनाथ था | ⇒ नंददास की भाषा
⇒ गोसाईं विट्ठलनाथ ने 1565 ई. में अष्टछाप की स्थापना की| अष्टछाप में विट्ठलनाथ के 4 शिष्य और सूरदास के चार शिष्य आते हैं। ⇒ गोसाईं
⇒ निम्बार्क संप्रदाय सभी संप्रदायों में सबसे प्राचीन है । ⇒ भक्ति के निमित्त विष्णु के स्थान पर कृष्ण के सगुण रूप का सर्वप्रथम प्रतिपादन
गौड़ीय संप्रदाय, gaudiy sampraday ⇒ चैतन्य महाप्रभु का जन्म बंगाल के नवद्वीप स्थान पर 1486 ई. में हुआ था । ⇒ चैतन्य महाप्रभु 24 वर्ष की
सखी संप्रदाय या हरिदासी संप्रदाय | sakhi sampraday ya haridasi sampraday ⇒ हरिदासी संप्रदाय के लोग आगरा में यमुना नदी के किनारे बांस की टट्टी
राधावल्लभ सम्प्रदाय | radhavallabh sampraday ⇒ राधावल्लभ सम्प्रदाय का प्रवर्तन सन् 1534 ई० में आचार्य हितहरिवंश ने वृन्दावन में किया। ⇒ राधावल्लभ सम्प्रदाय में ‘राधा‘ का