हिंदी साहित्य की डायरी विधा

हिंदी साहित्य की डायरी विधा एक आधुनिक विधा है |  आधुनिक हिंदी डायरी की शुरुआत श्री राम शर्मा की सेवाग्राम की डायरी से माना जाता है रामधारी सिंह दिनकर डायरी को परिभाषित करते हुए कहते हैं कि ‘डायरी वह चीज है जो रोज लिखी जाती है और जिसमें घोर रूप से व्यक्तिगत बातें भी लिखी जा सकती हैं | hindi sahity ki dayari vidha 

डायरी संबंधी मुख्य तथ्य

⇒ अनिता राकेश कहती हैं कि ‘डायरी एक बहुत ही वैयक्तिक चीज है जो बिना लाग लपेट के व्यक्त होता है ।’
हिंदी में डायरी अंग्रेज़ी साहित्य की नकल माना जाता है ।
डायरी को संस्कृत में दिवस कहा जाता है।
डायरी शब्द लैटिन भाषा के ‘डायस’ से बना है ।
रोजनामचा, दिनचर्या, दैनिकी, दैनंदिनी डायरी के अतिरिक्त नाम हैं ।
जैनेंद्र का जयवर्धन(1958) उपन्यास डायरी शैली में लिखा गया है ।
श्रीलाल शुक्ल का मकान (1976) उपन्यास डायरी शैली में लिखा गया है ।
अज्ञेय के उपन्यास नदी के द्वीप (1951) और अपने-अपने अजनबी (1961) डायरी शैली में लिखे गए हैं।
राजेंद्र यादव के शह और मात (1959) उपन्यास डायरी शैली में लिखे गए हैं ।
देवराज के उपन्यास अजय की डायरी (1960) डायरी शैली में लिखा गया है ।
हिन्दी में डायरी विधा का प्रवर्तन श्री राम शर्मा कृत ‘सेवाग्राम की डायरी’ (1946) से माना जाता है |                                           हिन्दी के

प्रमुख डायरी एवं डायरी लेखक निम्नलिखित हैं|    

घनश्यामदास बिड़ला- डायरी के पन्ने
धीरेन्द्र वर्मा-मेरी कालिज डायरी (1954)
सुन्दरलाल त्रिपाठी- दैनंदिनी
सियारामशरण गुप्त- दैनिकी
उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’- ज्यादा अपनी कम परायी(1959)
हरिवंशराय बच्चन-प्रवासी की डायरी (1971)
रामधारी सिंह ‘ दिनकर’- दिनकर की डायरी
रघुवीर सहाय- दिल्ली मेरा परदेश(1976)
राजेन्द्र अवस्थी- सैलानी की डायरी (1976)
जाबिर हुसैन – ज़िंदा होने का सबूत (2013), ये शहर लगै मोहे बन (2015)
मुक्तिबोध- एक साहित्यिक की डायरी
अजित कुमार – अंकित होने दो
मोहन राकेश- मोहन राकेश की डायरी (1985)
रवींद्र कालिया- स्मृतियों की जन्मपत्री(1979)
जमनालाल बजाज- जमना लाल बजाज की डायरी (1966)
शान्ताकुमार- एक मुख्यमंत्री की डायरी (1977)
जय प्रकाश- मेरी जेल डायरी (1975-77)
चन्द्रशेखर- मेरी जेल डायरी (1977)
सीताराम केसरिया- एक कार्यकर्ता की डायरी (दो भाग-1972)
श्री रामेश्वर टान्टिया – क्या खोया क्या पाया(1981)
कमलेश्वर – देश देशान्तर (1992)
मलयज- मलयज की डायरी (तीन खंड 2000)
बिशन टंडन आपातकाल की डायरी (तीन खंड2002, 2005)
डॉ० नरेंद्र मोहन- साथ साथ मेरा साया(2004)
तेजिंदर- डायरी सागा सागा(2004)
कृष्ण वलदेव वैद्य- ख्वाब है दीवाने का(2005)
डॉ० विवेकी राय- मन बोध मास्टर की डायरी (2006)
रामदरश मिश्र- आते जाते दिन(2008)
रमेशचन्द्र शाह – अकेला मेला(2009)
कृष्णा अग्निहोत्री – अफसाने अपने कहानी अपनी (2017)
द्रोणवीर कोहली – मनाली में गंगा उर्फ रोजनामचा (2016)
यशपाल – मेरी जेल डायरी
गरिमा श्रीवास्तव – देह ही मेरा परदेश

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