कानों में कंगना कहानी के मुख्य बिन्दु
कानों में कंगना‘ वर्ष 1913 में “इंदु” में प्रकाशित हुई। यह एक मार्मिक कहानी है। मनुष्य के विवेक को जागृत करने वाले स्थलों का सूक्ष्म वर्णन करती है । वासना और प्रेम में भेद को स्पष्ट किया गया है । कानों में कंगना का प्रारंभ बेहद आकर्षक है और अंत दुखद । कानों में कंगना … Read more