हिंदी साहित्य में सर्वप्रथम

हिंदी साहित्य में सर्वप्रथम ( hindi sahity mein pratham ) एक अति महत्त्वपूर्ण पोस्ट है | इस पोस्ट में हिंदी में प्रथम प्रथम नाटक, प्रथम कहानी, प्रथम साहित्यिक संस्था, प्रथम उपन्यास, प्रथम रेखाचित्र, प्रथम संस्मरण, प्रथम साहित्य इतिहास, प्रथम प्रबंध काव्य, प्रथम पुरस्कार इत्यादि मुख्य-मुख्य बातों का अध्ययन करेंगे| हिंदी से संबंधित प्रथम, हिंदी के विधाओं की प्रथम रचना, हिंदी का प्रथम महाकाव्य, हिंदी की प्रथम तुलनात्मक आलोचना इत्यादि का अध्ययन करेंगें |

हिंदी साहित्य में सर्वप्रथम      

हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास लेखक – गार्सा द तासी
हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम ग्रंथ – इस्तवार द ला लितरेत्युर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी (फ्रेंच में)
सच्चे अर्थों में पहला इतिहास ग्रंथ – मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान
हिंदी भाषा में रचित हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम ग्रंथ-शिवसिंह सरोज (शिवसिंह सेंगर द्वारा रचित)
हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का प्रथम इतिवृत्तात्मक ग्रंथ – मिश्रबंधु विनोद
सर्वप्रथम हिंदी – साहित्य का कालविभाजन एवं नामकरण – जार्ज ग्रियर्सन
साहित्य की मुख्य प्रवृत्ति एवं कालक्रम के आधार पर हिंदी साहित्येतिहास का कालविभाजन एवं नामकरण सर्वप्रथम – रामचंद्र शुक्ल
हिंदी साहित्येतिहास का सुनिश्चित, सुव्यवस्थित एवं वैज्ञानिक वर्गीकरण करने वाले प्रथम इतिहासकार – रामचंद्र शुक्ल
खड़ीबोली के विकास का प्रथम इतिहासग्रंथ – खड़ी बोली हिंदी साहित्य का इतिहास, 1941 ई., ब्रजरत्न दास 
हिंदी कवियों के विषय में जानकारी देने वाली प्रथम पुस्तक भक्तमाल ( नाभादास)
हिंदुस्तानी के स्थान पर ‘हिंदी’ शब्द के प्रथम प्रयोगकर्ता – गिलक्राइस्ट
देशी भाषा में किसी मुस्लिम द्वारा रचित प्रथम काव्य ग्रंथ – संदेशरासक
हिंदी का प्रथम ऐतिहासिक रास ग्रंथ-पंचपांडव रास (शालिभद्र सूरि द्वितीय, 1350 ई.)
जैन साहित्य की रास परंपरा का हिंदी में सर्वप्रथम प्रवर्त्तन-भारतेश्वर बाहुबलि रास के रचयिता शालिभद्र सूरि
प्रथम धर्मेतर रासग्रंथ-संदेशरासक (अब्दुर्रहमान)
जैन रास काव्यपरंपरा का प्रथम ग्रंथ – उपदेश रसायन रास (जिनदत्त सूरी)
हिंदी का प्रथम चंपू काव्य – राउलवेल (रोडा)
नख – शिख परंपरा का सर्वप्रथम वर्णन – राउलवेल
अपभ्रंश भाषा में दोहा काव्य का आरम्भकर्त्ता – जोइन्दु
अप्रभंश भाषा का प्रथम रासकाव्य-उपदेश रसायन रास
अपभ्रंश के प्रथम महाकवि- स्वयंभू
अपभ्रंश का प्रथम कडवकबद्ध काव्य- पउमचरिउ (स्वयंभू)
अपभ्रंश का प्रथम वैयाकरण व ग्रंथ – शब्दानुशासन (हेमचन्द्र )
अपभ्रंश का प्रथम प्रबंध काव्य – भविस्सयत्त कहा (धनपाल)
हिन्दी के प्रथम कवि एवं प्रथम सिद्ध कवि – सरहपा
हिंदी की प्रथम साहित्यिक रचना – श्रावकाचार देवसेन
प्रथम जैन कवि – देवसेन
गोरखनाथ की बानियों के प्रथम संग्रहकर्त्ता पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल (गोरखबानी, 1930 ई.)
आल्हाखंड का सर्वप्रथम प्रकाशन – कलक्टर चार्ल्स इलियट द्वारा 1865 ई. में
चौपाई – दोहा का सर्वप्रथम प्रयोग – सरहपा
हिन्दी की प्रथम रचना (साहित्यिक) – श्रावकाचार (देवसेन कृत)
हिन्दी – साहित्य के प्रथम महाकवि – चंदबरदाई
हिन्दी साहित्य का प्रथम महाकाव्य – पृथ्वीराजरासो
हिंदी साहित्य का प्रथम बड़ा महाकाव्य – पद्मावत (जायसी)
खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य – प्रियप्रवास (हरिऔध)
हिन्दी काव्य में प्रथम बारहमासा वर्णन – बीसलदेव रासो (नरपति नाल्ह)
अपभ्रंश में प्रथम बारहमासा वर्णन – नेमिनाथ चौपाई
किसी भारतीय भाषा में रचित इस्लाम धर्मावलंबी कवि की प्रथम रचना – संदेश रासक (अब्दुर्रहमान)
गीतगोविन्द का सर्वप्रथम हिंदी में अनुकरण – विद्यापति
अवहट्ट का सर्वप्रथम प्रयोगकर्त्ता – विद्यापति (कीर्तिलता) में
हिन्दी के सर्वप्रथम गीतकार – विद्यापति
आदिकाल में खड़ीबोली का सर्वप्रथम प्रयोग – अमीर खुसरो
खड़ीबोली के प्रथम कवि – अमीर खुसरो
आधुनिक खड़ीबोली के प्रथम कवि – श्रीधर पाठक
प्रथम प्रामाणिक रासो ग्रंथ – संदेशरासक (अब्दुर्रहमान)
पृथ्वीराज रासो को सर्वप्रथम अप्रमाणिक मानने वाले – डॉ. बुलर
सर्वप्रथम मुकरियाँ लिखने वाले – अमीर खुसरो
भक्ति का प्रवर्त्तन – रामानुज
हिंदी के प्रथम सूफी कवि – मुल्ला दाऊद (चंदायन)
निर्गुण संप्रदाय के सर्वप्रथम संत कवि – (नामदेव)
हिंदी का प्रथम वक्रोक्ति कथात्मक महाकाव्य – पद्मावत
रामकथा संबंधी हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य – रामायण कथा (विष्णुदास)
प्रथम रहस्यावादी कवि – कबीरदास
हिंदी का प्रथम दलित कवि – रैदास
बरवै छंद का सर्वप्रथम प्रयोग – रहीमदास
हिन्दी की आदि कवयित्री, प्रथम कवयित्री – मीराबाई
कृष्ण भक्ति काव्य का सबसे प्रसिद्ध काव्य सूरसागर (सूरदास)
रामभक्ति काव्य का सबसे प्रसिद्ध काव्य – रामचरितमानस (तुलसीदास)
सतसई परंपरा का आरंभ— तुलसी-सतसई (कुछ विद्वान् कृपाराम की ‘हिततरंगिणी’ को मानते हैं)
बिहारी-सतसई पर सर्वप्रथम काव्यात्मक टीका— कृष्णकवि
भक्ति शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग— श्वेताश्वेतर उपनिषद में
रीति-काव्य का सर्वप्रथम ग्रंथ— हिततरंगिणी (कृपाराम)
रीतिकालीन कवि आचार्यों में प्रथम— चिंतामणि त्रिपाठी
नायिका भेद संबंधी प्रथम रचना— कृपाराम की हिततरंगिणी
भक्तिकाल में नायिका-भेद संबंधी रचना— साहित्य लहरी, सूरदास
हिंदी का प्रथम पौराणिक प्रबंधकाव्य— प्रद्युम्नचरित
घनानंद काव्य के सर्वप्रथम संकलनकर्त्ता— ब्रजनाथ
हिंदी में रीतिकाव्य का प्रथम ग्रंथ— हिततरंगिनी (कृपाराम)
खड़ीबोली में लिखित सर्वप्रथम काव्यग्रंथ— श्रीधर पाठक द्वारा अनुदित ‘एकांतवासी योगी’
खड़ीबोली गद्य की प्रथम रचना— चंद छंद वरनन की महिमा (गंग कवि)
खड़ीबोली का प्रथम गद्य ग्रंथ— भाषायोगवशिष्ठ
हिंदी गद्य काव्य की प्रथम रचना – साधना (रायकृष्ण दास)

हिंदी साहित्य से संबंधित प्रथम 

खडीबोली में साहित्यिक रूप का सर्वप्रथम प्रयोग – रामप्रसाद निरंजनी(भाषायोगवशिष्ठ)
खडी बोली के प्रथम महाकवि— अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
खडीबोली के प्रथम स्वच्छंदतावादी कवि स्वच्छंदतावाद का सर्वप्रथम प्रयोग – श्रीधर पाठक
खड़ीबोली को सर्वप्रथम हिंदुस्तानी नाम से पुकारने वाले – स्वामी प्राणनाथ
शुद्ध एवं परिमार्जित खड़ीबोली के प्रथम लेखक – रामप्रसाद निरंजनी
‘स्वच्छंदतावाद’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – श्लेगर (जर्मन आलोचक), मुकुटधर पाण्डेय (हिन्दी में)
हिंदी की प्रथम शोकगीति – सरोज स्मृति (निराला)
गीतिकाव्य शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग लोचन प्रसाद पाण्डेय (कुसुमनमाला’ की भूमिका में)
छायावाद की प्रथम कृति – ‘झरना’ (1918 ई.) – प्रसाद
शुक्लानुसार छायावाद का प्रथम व प्रतिनिधि कवि – सुमित्रानंदन पंत
पंत की प्रथम कविता – गिरजे का घण्टा (1916 ई.)
पंत की प्रथम छायावादी काव्यकृति – ‘उच्छ्वास’ (1918 ई.)
मुक्त छंद के प्रथम प्रयोगकर्त्ता – निराला (‘जुही की कली’ में)
निराला की प्रथम कविता / काव्य कृति – जुही की कली (1916 ई.)
प्रसाद की प्रथम काव्यकृति – ‘उर्वशी’ (1909 ई.)
प्रसाद की खड़ीबोली में प्रकाशित पहली रचना – चित्र (1910 ई.)
प्रसाद की खड़ीबोली कविताओं का पहला संग्रह – कविता-कानन (1917 ई.)
प्रसाद की प्रथम छायावादी काव्यकृति – ‘झरना’ (1918 ई.)
प्रसाद की प्रथम छायावादी कविता – प्रथम प्रभात (1918, झरना में)
हिंदी की प्रथम अतुकांत रचना – प्रेमपथिक (प्रसाद)
कालक्रम की दृष्टि से प्रसाद जी का पहला संग्रह – चित्राधार (1918 ई.)
महादेवी का प्रथम काव्य संग्रह – ‘नीहार’ (1930 ई.)
‘प्रयोगवाद’ शब्द का प्रथम प्रयोग – नंददुलारे वाजपेयी
‘अज्ञेय’ का प्रथम काव्य-संग्रह – भग्नदूत (1933 ई.)
हिंदी की प्रथम दीर्घ कविता – परिवर्तन (पंत)
हिंदी का प्रथम उपन्यास – परीक्षा गुरु (लाला श्रीनिवास दास)
डायरी प्रविधि का प्रथम उपन्यास – मुन्नी की डायरी (1932, आदित्य प्रसन्न राय)
पत्रात्मक प्रविधि का प्रथम उपन्यास – चंद हसीनों के खतून (1927 ई., पाण्डेय बेचन शर्मा उग्र )
आख्यायिका शैली का प्रथम मौलिक उपन्यास – श्यामा स्वप्न (जगमोहन सिंह)
जैनेन्द्र का प्रथम उपन्यास – परख (1929 ई.)
हिंदी का प्रथम उपन्यास जिसमें मुस्लिम समाज का चित्रण हुआ है – निस्सहाय हिंदू
इलाचन्द्र जोशी का प्रथम उपन्यास – घृणामयी (1929 ई.)
भगवतीचरण वर्मा का प्रथम उपन्यास – चित्रलेखा (1939 ई.)
अज्ञेय का प्रथम उपन्यास – शेखर एक जीवनी (1941 ई.)
फणीश्वरनाथ रेणु का प्रथम उपन्यास – मैला आँचल (1954 ई.)
निर्मल वर्मा का प्रथम उपन्यास – वे दिन (1964 ई.)
हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी – इंदुमती (किशोरीलाल गोस्वामी)
हिंदी की प्रथम वैज्ञानिक कहानी – चंद्रलोक की यात्रा (केशव प्रसाद सिंह 1900 ई. सरस्वती में प्रकाशित)
हिंदी की प्रथम मौलिक गद्यकथा – रानी केतकी की कहानी (इंशा अल्लाह खाँ)
प्रसाद की प्रथम कहानी – ग्राम (1910 ई.) (अंतिम कहानी- सालवती)
प्रेमचंद की प्रथम कहानी – प्रेमचंद की प्रथम कहानी परीक्षा (1914 ई. मानसरोवर, भाग 8) है न कि सौत या पंचपरमेश्वर जैसा कि आलोचकों ने लिखा है। -कमल किशोर गोयनका
प्रेमचंद का प्रथम कहानी-संग्रह – सप्तसरोज (1917)
अज्ञेय का प्रथम कहानी-संग्रह – विपथगा (1937 ई.)
‘नयी कहानी’ की प्रथम कृति – परिंदे (निर्मल वर्मा)
निर्मल वर्मा का प्रथम कहानी संग्रह – परिंदे (1960 ई.)
कमलेश्वर का प्रथम कहानी-संग्रह – राजा निरबंसिया (1957 ई.)
हिंदी का प्रथम समर्थ नाटककार – भारतेन्दु
हिन्दी का प्रथम नाटक (मौलिक) – नहुष (गोपालचंद्र)
हिंदी का प्रथम दुःखांतक नाटक – रणधीर प्रेममोहिनी (लाला श्रीनिवास)
हिन्दी के प्रथम मौलिक नाटककार – प्राणचंद चौहान (रामायण महानाटक, 1610 ई.) को गोपीनाथ तिवारी ने हिंदी का प्रथम मौलिक नाटक कहा है)।
अलंकारों का सर्वप्रथम वर्गीकरण – रुद्रट
दोष का सर्वप्रथम निरूपण – वामन
औचित्य पर सर्वप्रथम विचार करने वाले – भरतमुनि
वक्रोक्ति का सर्वप्रथम प्रयोग – भामह
प्रथम आत्मकथा – अर्द्धकथानक (बनारसी दास जैन)
प्रथम महिला आत्मकथा – मेरी जीवन यात्रा (जानकी देवी बजाज)
प्रथम सैद्धांतिक आलोचनात्मक कृति – काव्य में रहस्यवाद (आचार्य शुक्ल)
हिंदी का प्रथम रेडियो नाटक – राधाकृष्ण
हिंदी की प्रथम जीवनी – दयानंद दिग्विजय (गोपाल शर्मा)
हिंदी का प्रथम मानक जीवनी ग्रंथ – कलम का सिपाही (अमृतराय)
प्रथम यात्रा संस्मरण – लंदन-यात्रा (महादेवी वर्मा)
हिंदी का प्रथम रेखाचित्र – लक्ष्मीपुरा (शिवदान सिंह चौहान )
हिंदी का प्रथम समाचार पत्र – उदंत मार्तण्ड (सं. जुगलकिशोर) कलकत्ता से प्रकाशित, 30 मई, 1826 ई., साप्ताहिक
सर्वप्रथम हिंदी दैनिक – समाचार सुधावर्षण (कलकत्ता, सं.- श्यामसुंदर सेन, (1854 ई.)
प्रथम हास्य व्यंग्य प्रधान पत्र – मतवाला (साप्ताहिक, 1923)
हिंदी की प्रथम पत्रिका – संवाद कौमुदी
हिंदी की प्रथम लघु पत्रिका – नये पत्ते (लक्ष्मीकांत वर्मा)
सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक – डॉ. श्यामसुंदरदास
महिलाओं की प्रथम मासिक पत्रिका – बालाबोधिनी (भारतेंदु हरिश्चंद्र )
बालिकाओं की प्रथम पत्रिका – रानी बिटिया (1963)
बच्चों का प्रथम अखबार— बच्चों का अखबार (महेंद्र जोशी इंदौर, साप्ताहिक)
प्रथम बाल पत्रिका— बालदर्पण 1882
पत्रकारों का प्रथम संगठन— हिंदी उद्धारिणी सभा (1884 ई.)
प्रथम गद्य काव्य के लेखक— भारतेन्दु
हिंदी शब्द के सर्वप्रथम प्रयोगकर्त्ता— गिलक्राइस्ट
जर्नलिस्ट के लिए पत्रकार के सर्वप्रथम प्रयोगकर्त्ता— माखनलाल चतुर्वेदी
गुलेरी की प्रथम कहानी – सुखमय जीवन
सर्वप्रथम नायक नायिका भेद का विस्तृत निरूपण संबंधी ग्रंथ — काव्यालंकार
अलंकारों का सर्वप्रथम वर्गीकरण— रुद्रट
हिंदी के प्रथम आलोचक— बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
हिन्दी का प्रथम अभिनीत नाटक— जानकी मंगल (शीतला प्रसाद त्रिपाठी)
हिंदी नाटक से संबंधित सर्वप्रथम सैद्धांतिक ग्रंथ— रूपक रहस्य (श्यामसुंदर दास)
प्रसाद का प्रथम ऐतिहासिक नाटक— राज्यश्री (1915 ई.)
हिन्दी का प्रथम एकांकी— एक घूँट (प्रसाद)
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की पहली सैद्धांतिक आलोचनात्मक कृति— काव्य में रहस्यवाद
शुक्ल की व्यावहारिक आलोचना संबंधी प्रथम रचना— तुलसी ग्रंथावली की भूमिका
हिंदी आलोचना की प्रथम कृति— समालोचना समुच्चय (महावीर प्रसाद द्विवेदी)
शुक्लजी द्वारा संपादित प्रथम ग्रंथ— तुलसी-ग्रंथावली (1923 ई.)
रस-विवेचन को पहली बार मनोवैज्ञानिक आधार प्रदान करने वाले— रामचन्द्र शुक्ल
आकाशधर्मा और मिथक शब्दों का प्रवर्त्तन— हजारी प्रसाद द्विवेदी
हिंदी में प्रथम तुलनात्मक आलोचना— बिहारी और सादी (पद्मसिंह शर्मा)
हिन्दी में साधारणीकरण के संबंध में पहला चिंतन— रामचन्द्र शुक्ल
साधारणीकरण का प्रथम प्रयोगकर्त्ता— भट्टनायक
प्रगतिवाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग— मुक्तिबोध
प्रयोगवाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग— नंददुलारे वाजपेयी
नयी कविता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग एवं नामकरण— अज्ञेय
द्वितीय सप्तक की एकमात्र कवयित्री— शकुंतला माथुर
छायावाद का प्रथम व प्रतिनिधि कवि (शुक्ल के अनुसार)— सुमित्रानंदन पंत
भरतमुनि के रससूत्र के प्रथम व्याख्याकार— भट्टलोल्लट (उत्पत्तिवाद)
भारतीय काव्यशास्त्र का सर्वांगपूर्ण प्रथम ग्रंथ— नाट्यशास्त्र (भरतमुनि)
रससूत्र एवं रस का सर्वप्रथम उल्लेख— भरतमुनि
काव्यशास्त्र में आत्मा का सर्वप्रथम प्रयोग— वामन (रीति के संदर्भ में)
छायावाद का सर्वप्रथम प्रयोग— मुकुटधर पाण्डेय (हिंदी में छायावाद शीर्षक लेख में)
हिंदी में सर्वप्रथम किसी महिला द्वारा लिखित आत्मकथा-मेरी जीवन यात्रा (जानकीदेवी बजाज, 1956)
प्रथम तारसप्तक –प्रकाशन वर्ष 1943; कविगण-अज्ञेय (संपादक), भारतभूषण, अग्रवाल, नेमिचंद्र जैन, गिरिजा कु. माथुर, रामविलास शर्मा, मुक्तिबोध, प्रभाकर माचवे

हिंदी में प्रथम 

साठोत्तरी अथवा समकालीन कविता में आम आदमी की चर्चा करने वाले प्रथम कवि— धूमिल
आलोचना में मनोविज्ञान का सर्वप्रथम प्रयोग करने वाले पाश्चात्य समीक्षक— कॉलरिज
साहित्येतिहास में प्रथम मार्क्सवादी ग्रंथकार— रामविलास शर्मा
नामवर सिंह की प्रथम पुस्तक— बकलम खुद (1991 ई.)
हिंदी आलोचना में बिंब का सर्वप्रथम प्रयोग— शुक्ल (भाव या मनोविकार निबंध, 1915 ई.)
भारतीय एवं पाश्चात्य आलोचना में समन्वय करने वाले प्रथम आलोचक— रामचंद्र शुक्ल
नागरी प्रचारिणी सभा के प्रथम सभापति— राधाकृष्ण दास
हिंदी साहित्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष— पुरुषोत्तम द्वास टंडन
साहित्य अकादमी के प्रथम अध्यक्ष— जवाहरलाल नेहरू
विश्व हिंदी सम्मान (8वां विश्व हिंदी सम्मेलन न्यूयार्क) से सम्मानित हिंदी की पहली कवयित्री— सुनीता जैन
एम.ए. हिंदी का सर्वप्रथम शिक्षण प्रारंभ— कलकत्ता विश्वविद्यालय में, 1918 ई. में
हिंदी की प्रथम साहित्यिक संस्था— काशी नागरी प्रचारिणी सभा (1893 ई.)
मतवाला का प्रथम अंक— 26 अगस्त, 1923 (रविवार, श्रावणी पूर्णिमा), निराला
व्यास सम्मान से सम्मानित प्रथम महिला – चित्रा मुद्गल (आवाँ)
साहित्य अकादमी से पुरस्कृत प्रथम महिला – कृष्णा सोबती (जिंदगीनामा)
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला – महादेवी वर्मा (यामा)
भारत-भारती सम्मान से सम्मानित प्रथम महिला— महादेवी वर्मा (1982)
प्रथम भारत भारती पुरस्कार प्राप्तकर्ता— महादेवी वर्मा
प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्का प्राप्तकर्त्ता (हिंदी में)- पंत (चिदम्बरा 1968)
प्रथम व्यास सम्मान प्राप्तकर्ता— डॉ. रामविलास शर्मा (भारत के भाषापरिवार और हिंदी, 1991)
प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ता— माखनलाल चतुर्वेदी (हिमतरंगिणी. 1955)
हिंदी साहित्य सम्मेलन का प्रथम मंगला प्रसाद पारितोषिक पुरस्कार— वियोगी हरि (वीर सतसई, 1927 )
प्रथम सरस्वती सम्मान— हरिवंशराय बच्चन (आत्मकथा, 4 खंड 1991)
प्रथम देव पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता— दुलारेलाल भार्गव (दुलारे दोहावली)
प्रथम श्लाका सम्मान— डॉ. रामविलास शर्मा (1986-87 )
प्रथम विश्व सम्मेलन— नागपुर (10-12 जनवरी, 1975)
हिंदी की प्रथम दलित लेखक की कहानी— वचनबद्ध (सतीश, मुक्ति स्मारिका में 1975 ई. में प्रकाशित)
प्रथम दलित महिला की आत्मकथा— दोहरा अभिशाप (कौशल्या बैसंत्री)
आधुनिक हिंदी का प्रथम दलित कवि— हीरा डोम (अछूत की शिकायत)
नागरी लिपि सुधार समिति के प्रथम सभापति-गाँधी (1935)
देवनागरी लिपि सुधार समिति के प्रथम अध्यक्ष- आचार्य नरेन्द्र देव (1947)
प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम सभापति -प्रेमचंद (1936)
हिंदी साहित्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष – पुरुषोत्तमदास टंडन
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रथम अध्यक्ष-इब्राहिम अलकाजी
राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष – बाल गंगाधर खेर
प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन के अध्यक्ष – शिवसागर रामगुलाम मॉरीशस
हिंदी का प्रथम व्याकरणकार – जे.जे. केटलर (हॉलैण्ड, हिंदुस्तानी ग्रामर डच भाषा में)
हिंदी का प्रथम कोशकार- अमीर खुसरो (खालिक बारी)
हिंदी में प्रथम डी.लिट्-पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल 
साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत सर्वप्रथम कोश (इनसाक्लोपीडिया)-विश्वमिथक सरित सागर (रमेश कुंतल मेघ)

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