सूफी काव्य / प्रेमाश्रयी काव्य धारा
हिंदी साहित्य के भक्तिकाल की निर्गुण धारा की एक दूसरी उपधारा ‘प्रेमाश्रयी काव्य धारा‘ है, जिसे ‘सूफी काव्य‘ कहते हैं। निर्गुणोपासकों की वह शाखा, जिनकी भक्ति का मुख्य विषय ‘प्रेम’ है और जो ईश्वर से मिलानेवाला है तथा जिसका आभास लौकिक प्रेम के रूप में मिलता है, ‘सूफीशाखा’ अथवा ‘प्रेमाश्रयी शाखा है। sufi kavy, premashreyi … Read more