हिंदी साहित्य में सर्वप्रथम ( hindi sahity mein pratham ) एक अति महत्त्वपूर्ण पोस्ट है | इस पोस्ट में हिंदी में प्रथम प्रथम नाटक, प्रथम कहानी, प्रथम साहित्यिक संस्था, प्रथम उपन्यास, प्रथम रेखाचित्र, प्रथम संस्मरण, प्रथम साहित्य इतिहास, प्रथम प्रबंध काव्य, प्रथम पुरस्कार इत्यादि मुख्य-मुख्य बातों का अध्ययन करेंगे| हिंदी से संबंधित प्रथम, हिंदी के विधाओं की प्रथम रचना, हिंदी का प्रथम महाकाव्य, हिंदी की प्रथम तुलनात्मक आलोचना इत्यादि का अध्ययन करेंगें |
हिंदी साहित्य में सर्वप्रथम
⇒ हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास लेखक – गार्सा द तासी
⇒ हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम ग्रंथ – इस्तवार द ला लितरेत्युर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी (फ्रेंच में)
⇒ सच्चे अर्थों में पहला इतिहास ग्रंथ – मॉडर्न वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान
⇒ हिंदी भाषा में रचित हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम ग्रंथ-शिवसिंह सरोज (शिवसिंह सेंगर द्वारा रचित)
⇒ हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का प्रथम इतिवृत्तात्मक ग्रंथ – मिश्रबंधु विनोद
⇒ सर्वप्रथम हिंदी – साहित्य का कालविभाजन एवं नामकरण – जार्ज ग्रियर्सन
⇒ साहित्य की मुख्य प्रवृत्ति एवं कालक्रम के आधार पर हिंदी साहित्येतिहास का कालविभाजन एवं नामकरण सर्वप्रथम – रामचंद्र शुक्ल
⇒ हिंदी साहित्येतिहास का सुनिश्चित, सुव्यवस्थित एवं वैज्ञानिक वर्गीकरण करने वाले प्रथम इतिहासकार – रामचंद्र शुक्ल
⇒ खड़ीबोली के विकास का प्रथम इतिहासग्रंथ – खड़ी बोली हिंदी साहित्य का इतिहास, 1941 ई., ब्रजरत्न दास
⇒ हिंदी कवियों के विषय में जानकारी देने वाली प्रथम पुस्तक भक्तमाल ( नाभादास)
⇒ हिंदुस्तानी के स्थान पर ‘हिंदी’ शब्द के प्रथम प्रयोगकर्ता – गिलक्राइस्ट
⇒ देशी भाषा में किसी मुस्लिम द्वारा रचित प्रथम काव्य ग्रंथ – संदेशरासक
⇒ हिंदी का प्रथम ऐतिहासिक रास ग्रंथ-पंचपांडव रास (शालिभद्र सूरि द्वितीय, 1350 ई.)
⇒ जैन साहित्य की रास परंपरा का हिंदी में सर्वप्रथम प्रवर्त्तन-भारतेश्वर बाहुबलि रास के रचयिता शालिभद्र सूरि
⇒ प्रथम धर्मेतर रासग्रंथ-संदेशरासक (अब्दुर्रहमान)
⇒ जैन रास काव्यपरंपरा का प्रथम ग्रंथ – उपदेश रसायन रास (जिनदत्त सूरी)
⇒ हिंदी का प्रथम चंपू काव्य – राउलवेल (रोडा)
⇒ नख – शिख परंपरा का सर्वप्रथम वर्णन – राउलवेल
⇒ अपभ्रंश भाषा में दोहा काव्य का आरम्भकर्त्ता – जोइन्दु
⇒ अप्रभंश भाषा का प्रथम रासकाव्य-उपदेश रसायन रास
⇒ अपभ्रंश के प्रथम महाकवि- स्वयंभू
⇒ अपभ्रंश का प्रथम कडवकबद्ध काव्य- पउमचरिउ (स्वयंभू)
⇒ अपभ्रंश का प्रथम वैयाकरण व ग्रंथ – शब्दानुशासन (हेमचन्द्र )
⇒ अपभ्रंश का प्रथम प्रबंध काव्य – भविस्सयत्त कहा (धनपाल)
⇒ हिन्दी के प्रथम कवि एवं प्रथम सिद्ध कवि – सरहपा
⇒ हिंदी की प्रथम साहित्यिक रचना – श्रावकाचार देवसेन
⇒ प्रथम जैन कवि – देवसेन
⇒ गोरखनाथ की बानियों के प्रथम संग्रहकर्त्ता पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल (गोरखबानी, 1930 ई.)
⇒ आल्हाखंड का सर्वप्रथम प्रकाशन – कलक्टर चार्ल्स इलियट द्वारा 1865 ई. में
⇒ चौपाई – दोहा का सर्वप्रथम प्रयोग – सरहपा
⇒ हिन्दी की प्रथम रचना (साहित्यिक) – श्रावकाचार (देवसेन कृत)
⇒हिन्दी – साहित्य के प्रथम महाकवि – चंदबरदाई
⇒ हिन्दी साहित्य का प्रथम महाकाव्य – पृथ्वीराजरासो
⇒ हिंदी साहित्य का प्रथम बड़ा महाकाव्य – पद्मावत (जायसी)
⇒ खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य – प्रियप्रवास (हरिऔध)
⇒ हिन्दी काव्य में प्रथम बारहमासा वर्णन – बीसलदेव रासो (नरपति नाल्ह)
⇒ अपभ्रंश में प्रथम बारहमासा वर्णन – नेमिनाथ चौपाई
⇒ किसी भारतीय भाषा में रचित इस्लाम धर्मावलंबी कवि की प्रथम रचना – संदेश रासक (अब्दुर्रहमान)
⇒ गीतगोविन्द का सर्वप्रथम हिंदी में अनुकरण – विद्यापति
⇒ अवहट्ट का सर्वप्रथम प्रयोगकर्त्ता – विद्यापति (कीर्तिलता) में
⇒ हिन्दी के सर्वप्रथम गीतकार – विद्यापति
⇒ आदिकाल में खड़ीबोली का सर्वप्रथम प्रयोग – अमीर खुसरो
⇒ खड़ीबोली के प्रथम कवि – अमीर खुसरो
⇒ आधुनिक खड़ीबोली के प्रथम कवि – श्रीधर पाठक
⇒ प्रथम प्रामाणिक रासो ग्रंथ – संदेशरासक (अब्दुर्रहमान)
⇒ पृथ्वीराज रासो को सर्वप्रथम अप्रमाणिक मानने वाले – डॉ. बुलर
⇒ सर्वप्रथम मुकरियाँ लिखने वाले – अमीर खुसरो
⇒ भक्ति का प्रवर्त्तन – रामानुज
⇒ हिंदी के प्रथम सूफी कवि – मुल्ला दाऊद (चंदायन)
⇒ निर्गुण संप्रदाय के सर्वप्रथम संत कवि – (नामदेव)
⇒ हिंदी का प्रथम वक्रोक्ति कथात्मक महाकाव्य – पद्मावत
⇒ रामकथा संबंधी हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य – रामायण कथा (विष्णुदास)
⇒ प्रथम रहस्यावादी कवि – कबीरदास
⇒ हिंदी का प्रथम दलित कवि – रैदास
⇒बरवै छंद का सर्वप्रथम प्रयोग – रहीमदास
⇒ हिन्दी की आदि कवयित्री, प्रथम कवयित्री – मीराबाई
⇒ कृष्ण भक्ति काव्य का सबसे प्रसिद्ध काव्य सूरसागर (सूरदास)
⇒ रामभक्ति काव्य का सबसे प्रसिद्ध काव्य – रामचरितमानस (तुलसीदास)
⇒ सतसई परंपरा का आरंभ— तुलसी-सतसई (कुछ विद्वान् कृपाराम की ‘हिततरंगिणी’ को मानते हैं)
⇒ बिहारी-सतसई पर सर्वप्रथम काव्यात्मक टीका— कृष्णकवि
⇒ भक्ति शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग— श्वेताश्वेतर उपनिषद में
⇒ रीति-काव्य का सर्वप्रथम ग्रंथ— हिततरंगिणी (कृपाराम)
⇒ रीतिकालीन कवि आचार्यों में प्रथम— चिंतामणि त्रिपाठी
⇒ नायिका भेद संबंधी प्रथम रचना— कृपाराम की हिततरंगिणी
⇒ भक्तिकाल में नायिका-भेद संबंधी रचना— साहित्य लहरी, सूरदास
⇒ हिंदी का प्रथम पौराणिक प्रबंधकाव्य— प्रद्युम्नचरित
⇒ घनानंद काव्य के सर्वप्रथम संकलनकर्त्ता— ब्रजनाथ
⇒ हिंदी में रीतिकाव्य का प्रथम ग्रंथ— हिततरंगिनी (कृपाराम)
⇒ खड़ीबोली में लिखित सर्वप्रथम काव्यग्रंथ— श्रीधर पाठक द्वारा अनुदित ‘एकांतवासी योगी’
⇒ खड़ीबोली गद्य की प्रथम रचना— चंद छंद वरनन की महिमा (गंग कवि)
⇒ खड़ीबोली का प्रथम गद्य ग्रंथ— भाषायोगवशिष्ठ
⇒ हिंदी गद्य काव्य की प्रथम रचना – साधना (रायकृष्ण दास)
हिंदी साहित्य से संबंधित प्रथम
⇒ खडीबोली में साहित्यिक रूप का सर्वप्रथम प्रयोग – रामप्रसाद निरंजनी(भाषायोगवशिष्ठ)
⇒ खडी बोली के प्रथम महाकवि— अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
⇒ खडीबोली के प्रथम स्वच्छंदतावादी कवि स्वच्छंदतावाद का सर्वप्रथम प्रयोग – श्रीधर पाठक
⇒ खड़ीबोली को सर्वप्रथम हिंदुस्तानी नाम से पुकारने वाले – स्वामी प्राणनाथ
⇒ शुद्ध एवं परिमार्जित खड़ीबोली के प्रथम लेखक – रामप्रसाद निरंजनी
⇒ ‘स्वच्छंदतावाद’ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग – श्लेगर (जर्मन आलोचक), मुकुटधर पाण्डेय (हिन्दी में)
⇒ हिंदी की प्रथम शोकगीति – सरोज स्मृति (निराला)
⇒ गीतिकाव्य शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग लोचन प्रसाद पाण्डेय (कुसुमनमाला’ की भूमिका में)
⇒ छायावाद की प्रथम कृति – ‘झरना’ (1918 ई.) – प्रसाद –
⇒ शुक्लानुसार छायावाद का प्रथम व प्रतिनिधि कवि – सुमित्रानंदन पंत
⇒ पंत की प्रथम कविता – गिरजे का घण्टा (1916 ई.)
⇒ पंत की प्रथम छायावादी काव्यकृति – ‘उच्छ्वास’ (1918 ई.)
⇒ मुक्त छंद के प्रथम प्रयोगकर्त्ता – निराला (‘जुही की कली’ में)
⇒ निराला की प्रथम कविता / काव्य कृति – जुही की कली (1916 ई.)
⇒ प्रसाद की प्रथम काव्यकृति – ‘उर्वशी’ (1909 ई.)
⇒ प्रसाद की खड़ीबोली में प्रकाशित पहली रचना – चित्र (1910 ई.)
⇒ प्रसाद की खड़ीबोली कविताओं का पहला संग्रह – कविता-कानन (1917 ई.)
⇒ प्रसाद की प्रथम छायावादी काव्यकृति – ‘झरना’ (1918 ई.)
⇒ प्रसाद की प्रथम छायावादी कविता – प्रथम प्रभात (1918, झरना में)
⇒ हिंदी की प्रथम अतुकांत रचना – प्रेमपथिक (प्रसाद)
⇒ कालक्रम की दृष्टि से प्रसाद जी का पहला संग्रह – चित्राधार (1918 ई.)
⇒ महादेवी का प्रथम काव्य संग्रह – ‘नीहार’ (1930 ई.)
⇒ ‘प्रयोगवाद’ शब्द का प्रथम प्रयोग – नंददुलारे वाजपेयी
⇒ ‘अज्ञेय’ का प्रथम काव्य-संग्रह – भग्नदूत (1933 ई.)
⇒ हिंदी की प्रथम दीर्घ कविता – परिवर्तन (पंत)
⇒ हिंदी का प्रथम उपन्यास – परीक्षा गुरु (लाला श्रीनिवास दास)
⇒ डायरी प्रविधि का प्रथम उपन्यास – मुन्नी की डायरी (1932, आदित्य प्रसन्न राय)
⇒ पत्रात्मक प्रविधि का प्रथम उपन्यास – चंद हसीनों के खतून (1927 ई., पाण्डेय बेचन शर्मा उग्र )
⇒ आख्यायिका शैली का प्रथम मौलिक उपन्यास – श्यामा स्वप्न (जगमोहन सिंह)
⇒ जैनेन्द्र का प्रथम उपन्यास – परख (1929 ई.)
⇒ हिंदी का प्रथम उपन्यास जिसमें मुस्लिम समाज का चित्रण हुआ है – निस्सहाय हिंदू
⇒ इलाचन्द्र जोशी का प्रथम उपन्यास – घृणामयी (1929 ई.)
⇒ भगवतीचरण वर्मा का प्रथम उपन्यास – चित्रलेखा (1939 ई.)
⇒ अज्ञेय का प्रथम उपन्यास – शेखर एक जीवनी (1941 ई.)
⇒ फणीश्वरनाथ रेणु का प्रथम उपन्यास – मैला आँचल (1954 ई.)
⇒ निर्मल वर्मा का प्रथम उपन्यास – वे दिन (1964 ई.)
⇒ हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी – इंदुमती (किशोरीलाल गोस्वामी)
⇒ हिंदी की प्रथम वैज्ञानिक कहानी – चंद्रलोक की यात्रा (केशव प्रसाद सिंह 1900 ई. सरस्वती में प्रकाशित)
⇒ हिंदी की प्रथम मौलिक गद्यकथा – रानी केतकी की कहानी (इंशा अल्लाह खाँ)
⇒ प्रसाद की प्रथम कहानी – ग्राम (1910 ई.) (अंतिम कहानी- सालवती)
⇒ प्रेमचंद की प्रथम कहानी – प्रेमचंद की प्रथम कहानी परीक्षा (1914 ई. मानसरोवर, भाग 8) है न कि सौत या पंचपरमेश्वर जैसा कि आलोचकों ने लिखा है। -कमल किशोर गोयनका
⇒ प्रेमचंद का प्रथम कहानी-संग्रह – सप्तसरोज (1917)
⇒ अज्ञेय का प्रथम कहानी-संग्रह – विपथगा (1937 ई.)
⇒ ‘नयी कहानी’ की प्रथम कृति – परिंदे (निर्मल वर्मा)
⇒ निर्मल वर्मा का प्रथम कहानी संग्रह – परिंदे (1960 ई.)
⇒ कमलेश्वर का प्रथम कहानी-संग्रह – राजा निरबंसिया (1957 ई.)
⇒ हिंदी का प्रथम समर्थ नाटककार – भारतेन्दु
⇒ हिन्दी का प्रथम नाटक (मौलिक) – नहुष (गोपालचंद्र)
⇒ हिंदी का प्रथम दुःखांतक नाटक – रणधीर प्रेममोहिनी (लाला श्रीनिवास)
⇒ हिन्दी के प्रथम मौलिक नाटककार – प्राणचंद चौहान (रामायण महानाटक, 1610 ई.) को गोपीनाथ तिवारी ने हिंदी का प्रथम मौलिक नाटक कहा है)।
⇒ अलंकारों का सर्वप्रथम वर्गीकरण – रुद्रट
⇒ दोष का सर्वप्रथम निरूपण – वामन
⇒ औचित्य पर सर्वप्रथम विचार करने वाले – भरतमुनि
⇒ वक्रोक्ति का सर्वप्रथम प्रयोग – भामह
⇒ प्रथम आत्मकथा – अर्द्धकथानक (बनारसी दास जैन)
⇒ प्रथम महिला आत्मकथा – मेरी जीवन यात्रा (जानकी देवी बजाज)
⇒ प्रथम सैद्धांतिक आलोचनात्मक कृति – काव्य में रहस्यवाद (आचार्य शुक्ल)
⇒ हिंदी का प्रथम रेडियो नाटक – राधाकृष्ण
⇒ हिंदी की प्रथम जीवनी – दयानंद दिग्विजय (गोपाल शर्मा)
⇒ हिंदी का प्रथम मानक जीवनी ग्रंथ – कलम का सिपाही (अमृतराय)
⇒ प्रथम यात्रा संस्मरण – लंदन-यात्रा (महादेवी वर्मा)
⇒ हिंदी का प्रथम रेखाचित्र – लक्ष्मीपुरा (शिवदान सिंह चौहान )
⇒हिंदी का प्रथम समाचार पत्र – उदंत मार्तण्ड (सं. जुगलकिशोर) कलकत्ता से प्रकाशित, 30 मई, 1826 ई., साप्ताहिक
⇒ सर्वप्रथम हिंदी दैनिक – समाचार सुधावर्षण (कलकत्ता, सं.- श्यामसुंदर सेन, (1854 ई.)
⇒ प्रथम हास्य व्यंग्य प्रधान पत्र – मतवाला (साप्ताहिक, 1923)
⇒ हिंदी की प्रथम पत्रिका – संवाद कौमुदी
⇒ हिंदी की प्रथम लघु पत्रिका – नये पत्ते (लक्ष्मीकांत वर्मा)
⇒ सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक – डॉ. श्यामसुंदरदास
⇒ महिलाओं की प्रथम मासिक पत्रिका – बालाबोधिनी (भारतेंदु हरिश्चंद्र )
⇒ बालिकाओं की प्रथम पत्रिका – रानी बिटिया (1963)
⇒ बच्चों का प्रथम अखबार— बच्चों का अखबार (महेंद्र जोशी इंदौर, साप्ताहिक)
⇒ प्रथम बाल पत्रिका— बालदर्पण 1882
⇒ पत्रकारों का प्रथम संगठन— हिंदी उद्धारिणी सभा (1884 ई.)
⇒ प्रथम गद्य काव्य के लेखक— भारतेन्दु
⇒ हिंदी शब्द के सर्वप्रथम प्रयोगकर्त्ता— गिलक्राइस्ट
⇒ जर्नलिस्ट के लिए पत्रकार के सर्वप्रथम प्रयोगकर्त्ता— माखनलाल चतुर्वेदी
⇒ गुलेरी की प्रथम कहानी – सुखमय जीवन
⇒ सर्वप्रथम नायक नायिका भेद का विस्तृत निरूपण संबंधी ग्रंथ — काव्यालंकार
⇒ अलंकारों का सर्वप्रथम वर्गीकरण— रुद्रट
⇒ हिंदी के प्रथम आलोचक— बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
⇒ हिन्दी का प्रथम अभिनीत नाटक— जानकी मंगल (शीतला प्रसाद त्रिपाठी)
⇒ हिंदी नाटक से संबंधित सर्वप्रथम सैद्धांतिक ग्रंथ— रूपक रहस्य (श्यामसुंदर दास)
⇒ प्रसाद का प्रथम ऐतिहासिक नाटक— राज्यश्री (1915 ई.)
⇒ हिन्दी का प्रथम एकांकी— एक घूँट (प्रसाद)
⇒ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की पहली सैद्धांतिक आलोचनात्मक कृति— काव्य में रहस्यवाद
⇒ शुक्ल की व्यावहारिक आलोचना संबंधी प्रथम रचना— तुलसी ग्रंथावली की भूमिका
⇒ हिंदी आलोचना की प्रथम कृति— समालोचना समुच्चय (महावीर प्रसाद द्विवेदी)
⇒ शुक्लजी द्वारा संपादित प्रथम ग्रंथ— तुलसी-ग्रंथावली (1923 ई.)
⇒ रस-विवेचन को पहली बार मनोवैज्ञानिक आधार प्रदान करने वाले— रामचन्द्र शुक्ल
⇒ आकाशधर्मा और मिथक शब्दों का प्रवर्त्तन— हजारी प्रसाद द्विवेदी
⇒ हिंदी में प्रथम तुलनात्मक आलोचना— बिहारी और सादी (पद्मसिंह शर्मा)
⇒ हिन्दी में साधारणीकरण के संबंध में पहला चिंतन— रामचन्द्र शुक्ल
⇒ साधारणीकरण का प्रथम प्रयोगकर्त्ता— भट्टनायक
⇒ प्रगतिवाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग— मुक्तिबोध
⇒ प्रयोगवाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग— नंददुलारे वाजपेयी
⇒ नयी कविता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग एवं नामकरण— अज्ञेय
⇒ द्वितीय सप्तक की एकमात्र कवयित्री— शकुंतला माथुर
⇒ छायावाद का प्रथम व प्रतिनिधि कवि (शुक्ल के अनुसार)— सुमित्रानंदन पंत
⇒ भरतमुनि के रससूत्र के प्रथम व्याख्याकार— भट्टलोल्लट (उत्पत्तिवाद)
⇒ भारतीय काव्यशास्त्र का सर्वांगपूर्ण प्रथम ग्रंथ— नाट्यशास्त्र (भरतमुनि)
⇒ रससूत्र एवं रस का सर्वप्रथम उल्लेख— भरतमुनि
⇒ काव्यशास्त्र में आत्मा का सर्वप्रथम प्रयोग— वामन (रीति के संदर्भ में)
⇒ छायावाद का सर्वप्रथम प्रयोग— मुकुटधर पाण्डेय (हिंदी में छायावाद शीर्षक लेख में)
⇒ हिंदी में सर्वप्रथम किसी महिला द्वारा लिखित आत्मकथा-मेरी जीवन यात्रा (जानकीदेवी बजाज, 1956)
⇒ प्रथम तारसप्तक –प्रकाशन वर्ष 1943; कविगण-अज्ञेय (संपादक), भारतभूषण, अग्रवाल, नेमिचंद्र जैन, गिरिजा कु. माथुर, रामविलास शर्मा, मुक्तिबोध, प्रभाकर माचवे
हिंदी में प्रथम
⇒ साठोत्तरी अथवा समकालीन कविता में आम आदमी की चर्चा करने वाले प्रथम कवि— धूमिल
⇒ आलोचना में मनोविज्ञान का सर्वप्रथम प्रयोग करने वाले पाश्चात्य समीक्षक— कॉलरिज
⇒ साहित्येतिहास में प्रथम मार्क्सवादी ग्रंथकार— रामविलास शर्मा
⇒ नामवर सिंह की प्रथम पुस्तक— बकलम खुद (1991 ई.)
⇒ हिंदी आलोचना में बिंब का सर्वप्रथम प्रयोग— शुक्ल (भाव या मनोविकार निबंध, 1915 ई.)
⇒ भारतीय एवं पाश्चात्य आलोचना में समन्वय करने वाले प्रथम आलोचक— रामचंद्र शुक्ल
⇒ नागरी प्रचारिणी सभा के प्रथम सभापति— राधाकृष्ण दास
⇒ हिंदी साहित्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष— पुरुषोत्तम द्वास टंडन
⇒ साहित्य अकादमी के प्रथम अध्यक्ष— जवाहरलाल नेहरू
⇒ विश्व हिंदी सम्मान (8वां विश्व हिंदी सम्मेलन न्यूयार्क) से सम्मानित हिंदी की पहली कवयित्री— सुनीता जैन
⇒ एम.ए. हिंदी का सर्वप्रथम शिक्षण प्रारंभ— कलकत्ता विश्वविद्यालय में, 1918 ई. में
⇒ हिंदी की प्रथम साहित्यिक संस्था— काशी नागरी प्रचारिणी सभा (1893 ई.)
⇒ मतवाला का प्रथम अंक— 26 अगस्त, 1923 (रविवार, श्रावणी पूर्णिमा), निराला
⇒ व्यास सम्मान से सम्मानित प्रथम महिला – चित्रा मुद्गल (आवाँ)
⇒ साहित्य अकादमी से पुरस्कृत प्रथम महिला – कृष्णा सोबती (जिंदगीनामा)
⇒ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला – महादेवी वर्मा (यामा)
⇒ भारत-भारती सम्मान से सम्मानित प्रथम महिला— महादेवी वर्मा (1982)
⇒ प्रथम भारत भारती पुरस्कार प्राप्तकर्ता— महादेवी वर्मा
⇒ प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्का प्राप्तकर्त्ता (हिंदी में)- पंत (चिदम्बरा 1968)
⇒ प्रथम व्यास सम्मान प्राप्तकर्ता— डॉ. रामविलास शर्मा (भारत के भाषापरिवार और हिंदी, 1991)
⇒ प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ता— माखनलाल चतुर्वेदी (हिमतरंगिणी. 1955)
⇒ हिंदी साहित्य सम्मेलन का प्रथम मंगला प्रसाद पारितोषिक पुरस्कार— वियोगी हरि (वीर सतसई, 1927 )
⇒ प्रथम सरस्वती सम्मान— हरिवंशराय बच्चन (आत्मकथा, 4 खंड 1991)
⇒ प्रथम देव पुरस्कार प्राप्तकर्त्ता— दुलारेलाल भार्गव (दुलारे दोहावली)
⇒ प्रथम श्लाका सम्मान— डॉ. रामविलास शर्मा (1986-87 )
⇒ प्रथम विश्व सम्मेलन— नागपुर (10-12 जनवरी, 1975)
⇒ हिंदी की प्रथम दलित लेखक की कहानी— वचनबद्ध (सतीश, मुक्ति स्मारिका में 1975 ई. में प्रकाशित)
⇒ प्रथम दलित महिला की आत्मकथा— दोहरा अभिशाप (कौशल्या बैसंत्री)
⇒ आधुनिक हिंदी का प्रथम दलित कवि— हीरा डोम (अछूत की शिकायत)
⇒ नागरी लिपि सुधार समिति के प्रथम सभापति-गाँधी (1935)
⇒ देवनागरी लिपि सुधार समिति के प्रथम अध्यक्ष- आचार्य नरेन्द्र देव (1947)
⇒ प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम सभापति -प्रेमचंद (1936)
⇒ हिंदी साहित्य परिषद् के प्रथम अध्यक्ष – पुरुषोत्तमदास टंडन
⇒ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रथम अध्यक्ष-इब्राहिम अलकाजी
⇒ राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष – बाल गंगाधर खेर
⇒ प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन के अध्यक्ष – शिवसागर रामगुलाम मॉरीशस
⇒ हिंदी का प्रथम व्याकरणकार – जे.जे. केटलर (हॉलैण्ड, हिंदुस्तानी ग्रामर डच भाषा में)
⇒ हिंदी का प्रथम कोशकार- अमीर खुसरो (खालिक बारी)
⇒ हिंदी में प्रथम डी.लिट्-पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल
⇒ साहित्य अकादमी पुरस्कार से पुरस्कृत सर्वप्रथम कोश (इनसाक्लोपीडिया)-विश्वमिथक सरित सागर (रमेश कुंतल मेघ)