रासो साहित्य
रासो साहित्य आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रकरण तीन में वीरगाथा काल और रासो साहित्य का चित्रण किया है। इस समय जैन साहित्य में रास एक छंद की शैली थी। जिसे राजस्थान के राजाओं ने एवं राज्याश्रित कवियों ने वीरतापूर्ण गान के लिए लिखने का एक ढंग बना लिया। जिसे रासो साहित्य कहा गया। रासो साहित्य … Read more