भूषण का जीवन परिचय, bhushan ka jiwan parichay

भूषण का जीवन परिचय, bhushan ka jiwan parichay भूषण रीतिबद्ध काव्यधारा एवं वीररस के प्रसिद्ध कवि थे। भूषण का जन्म 1613 ई. में हुआ था। चित्रकूट के सोलंकी राजा रुद्र ने ‘कविभूषण‘ की उपाधि दी थी तब से भूषण नाम से प्रसिद्ध हुए | भूषण ‘चिंतामणि’ और ‘मतिराम’ के भाई थे। ये राष्ट्रीय चेतना के … Read more

भिखारीदास का जीवन परिचय, bhikharidas ka jiwan parichay

भिखारीदास का जीवन परिचय, bhikharidas ka jiwan parichay भिखारीदास प्रतापगढ़ (अवध) के पास टयोगा गांव के रहनेवाले श्रीवास्तव कायस्थ थे। इन्होंने अपना वंश परिचय पूरा दिया है। इनके पिता कृपालदास, पितामह वीरभानु, प्रपितामह राय रामदास और वृद्ध प्रपितामह राय नरोत्तम दास थे । दास जी के पुत्र अवधेशलाल और पौत्र गौरीशंकर थे जिनके अपुत्र मर … Read more

मतिराम का जीवन परिचय, matiram ka jiwan parichay

मतिराम का जीवन परिचय, matiram ka jiwan parichay मतिराम आचार्य और कवि चिंतामणि त्रिपाठी एवं भूषण के बड़े भाई थे, इनका जन्म तिकवापुर (कानपुर) में लगभग 1617 ई. में हुआ था | ये बहुत दिनों तक जीवित रहे | मतिराम की रचनाएँ  1. फूलमंजरी 2. रसराज 3. ललितललाम 4. मतिराम सतसई 5. साहित्यसार 6. छंदसार … Read more

चिंतामणि का जीवन परिचय, chintamani ka jiwan parichay

चिंतामणि का जीवन परिचय, chintamani ka jiwan parichay चिंतामणि का जन्म  1609 ई. तिकवाँपुर (कानपुर) में हुआ था | रचनाकाल – 1643 ई. के आसपास। रत्नाकर त्रिपाठी के पुत्र चिंतामणि, भूषण, मतिराम और जटाशंकर ये चार भाई थे। चिंतामणि त्रिपाठी ने कई ग्रंथों में अपना नाम ‘मणिमाल‘ भी रखा है।  चिंतामणि  सर्वांगनिरूपक  प्रथम आचार्य हैं … Read more

हिंदी साहित्य का रीतिकाल, hindi sahity ka ritikal

हिंदी साहित्य का रीतिकाल, hindi sahity ka ritikal रीतिकाल शब्द का पहला प्रयोग आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने किया। संस्कृत काव्यशास्त्र में रीति शब्द का प्रयोग आचार्य वामन ने किया। आचार्य वामन के अनुसार ‘विशिष्ट पद रचना रीति’ अर्थात विशेष ढंग की पद रचना को रीति कहते हैं। रीतिकाल का समय 1643 से 1843 ई. हैं। … Read more

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